ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा २६क :
१.(औषधि और प्रसाधन सामग्री का लोक हित में विनिर्माण आदि का प्रतिषेध करने की केन्द्रीय सरकार की शक्ति :
इस अध्याय के किसी अन्य उपबन्ध पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, यदि केन्द्रीय सरकार का समाधान हो जाता है कि किसी ओषधि या प्रसाधन सामग्री के उपयोग से मनुष्यों या पशुओं के लिए कोई जोखिम अन्तर्वलित होने की संभाव्यता है अथवा कोई ओषधि उतने चिकित्सीय महत्व के नहीं हैं जितने का उसकी बाबत दावा किया गया है या दावा किया जाना तात्पर्यित है अथवा उसमें ऐसे और इतनी मात्रा में संघटक हैं जिसके लिए कोई चिकित्सीय औचित्य नहीं है तथा लोक हित में ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है तो वह सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा ऐसी औषधि या प्रसाधन सामग्री के विनिर्माण, विक्रय या २.(वितरण को विनियमित, निर्बंधित या प्रतिषिद्ध कर सकेगी।))
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१. १९८२ के अधिनियम सं० ६८ की धारा २१ द्वारा (१-२-१९८३ से) अन्त:स्थापित ।
२. २००८ के अधिनियम सं० २६ की धारा ४ द्वारा प्रतिस्थापित ।
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