ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम १९४०
धारा २७क :
इस अध्याय के उल्लंघन में प्रसाधन सामग्रियों के विनिर्माण, विक्रय आदि के लिए शास्ति :
जो कोई स्वयं या अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा,-
१.(एक) किसी ऐसी प्रसाधन सामग्री का, जो धारा १७घ के अधीन नकली या धारा १७ङ के अधीन अपमिश्रित समझी गई है, विक्रयार्थ या वितरणार्थ विनिर्माण करेगा या विक्रय करेगा या स्टाक रखेगा या विक्रयार्थ प्रदर्शित करेगा या प्रस्थापित करेगा, वह कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से जो पचास हजार रुपए या अधिहृत प्रसाधन सामग्री के मूल्य के तीन गुना, इनमें से जो भी अधिक हो, से कम न होगा, दंडनीय होगा;
(दो) किसी ऐसी प्रसाधन सामग्री का जो खंड (एक) में निर्दिष्ट प्रसाधन सामग्री से भिन्न है, इस अध्याय या इसके अधीन बनाए गए किसी नियम के उपबंधों के उल्लंघन में विक्रयार्थ या वितरणार्थ विनिर्माण करेगा या विक्रय करेगा या स्टाक रखेगा या विक्रय के लिए प्रदर्शित करेगा या प्रस्थापित करेगा, वह कारावास से जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो बीस हजार रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से, दंडनीय होगा।)
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१. २००८ के अधिनियम सं० २६ की धारा ७ द्वारा प्रतिस्थापित ।
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