गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४
धारा १४ :
सदस्य के रूप के नियुक्ति के लिए निरर्हताएं :
कोई व्यक्ति सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए निरहित होगा, यदि वह -
(क) किसी ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्धि ठहराया गया है और कारावास से दंडादिष्ट किया गया है, जिसमें, केन्द्रीय सरकार की राय में, नैतिक अधमता अन्तर्वलित है : या
(ख) अनुन्मोचित दिवालिया है ; या
(ग) विकृतचित्त का है, और उसे सक्षम न्यायालय द्वारा ऐसा घोषित कर दिया गया है ; या
(घ) सरकार की या सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण में के किसी निगम की सेवा से हटा दिया गया है या पदच्युत कर दिया गया है ; या
(ङ) केन्द्रीय सरकार की राय में बोर्ड में ऐसा वित्तीय या अन्य हित रखता है जिसके कारण उसके द्वारा सदस्य के रूप में अपने कृत्यों के निर्वहन पर प्रतिकूल प्रभाव पडने की संभावना है या
१.(च) केंद्रीय सरकार की राय में, लिंग के अवधारण के लिए प्रसवपूर्व निदान-तकनीक के उपयोग या उन्नयन में या किसी लिंग चयन तकनीक में सहयुक्त रहा है।)
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१. २००३ के अधिनियम सं०१४ की धारा ११ द्वारा प्रतिस्थापित ।
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