लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४
धारा ३ :
लोक संपत्ति को नुकसान कारित करने वाली रिष्टि :
१) जो कोई उपधारा (२) में निर्दिष्ट प्रकार की लोक संपत्ति से भिन्न किसी लोक संपत्ति की बाबत कोई कार्य करके रिष्टि करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से, दण्डित किया जाएगा।
२) जो कोई ऐसी किसी संपत्ति की बाबत जो-
क) कोई ऐसा भवन, प्रतिष्ठान या अन्य संपत्ति है, जिसका उपयोग जल, प्रकाश, शक्ति या ऊर्जा के उत्पादन, वितरण या प्रदाय के संबंध में किया जाता है;
ख) कोई तेल प्रतिष्ठान है;
ग) कोई मल संकर्म है:
घ) कोई खान या कारखाना है;
ङ) लोक परिवहन या दूर-संचार का कोई साधन है या उसके संबंध में उपयोग किया जाने वाला कोई भवन, प्रतिष्ठान या अन्य संपत्ति है,
कोई कार्य करके रिष्टि करेगा, वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम की नहीं होगी किन्तु पांच वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से, दण्डित किया जाएगा:
परन्तु न्यायालय, ऐसे कारणों से जो उसके निर्णय में लेखबद्ध किए जांएगे, छह मास से कम की किसी अवधि के कारावास का दण्डादेश दे सकेगा ।
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