सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८
परिशिष्ट क :
अभिवचन :
प्ररुप संख्यांक ३२ :
जंगम माल का सदोष निरोध :
(शीर्षक)
उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि -
१. ता. ------------ को वादी इसके साथ उपाबद्ध अनुसूची में वर्णित माल का (या माल का वर्णन कीजिए), जिसका प्राक्कलित मूल्य ------------- रुपए है, स्वामी था (या वे तथ्य लिखिए जिनसे कब्जे का अधिकार दर्शित होता है ।)
२. उस दिन से इस वाद के प्रारम्भ होने तक प्रतिवादी ने उस माल को वादी से रोक रखा है ।
३. वाद आरम्भ होने से पहले, अर्थात ता. -------------- को, वादी ने प्रतिवादी से माल मांगा, किन्तु उसने माल का परिदान करने से इन्कार किया ।
(जैसा प्ररुप संख्यांक १ के पैरा ४ और ५ में है ।)
६. वादी यह दावा करता है कि -
१) उक्त माल का परिदान कराया जाए, या यदि उसका परिदान नहीं कराया जा सकता तो --------- रुपए दिलाए जाएं;
२) उसको रोक रखे जाने के प्रतिकरस्वरुप ------------- रुपए दिलाए जाएं ।
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