Category: "सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८"
आदेश ४७ नियम ५ : दो या अधिक न्यायाधीशों से गठित न्यायालय..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४७ : नियम ५ : दो या अधिक न्यायाधीशों से गठित न्यायालय में पुनर्विलोकन का आवेदन : जहां वह न्यायाधीश या वे न्यायाधीश या उन न्यायाधीशों में से कोई एक, जिसने या जिन्होंने वह डिक्री पारित की थी या आदेश किया था जिसके… more »
आदेश ४७ नियम ४ : आवेदन कब नामजूंर किया जाएगा :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४७ : नियम ४ : आवेदन कब नामजूंर किया जाएगा : १) जहां न्यायालय को यह प्रतीत होता है कि पुनर्विलोकन के लिए पर्याप्त आधार नहीं है वहां वह आवेदन को नामंजूर कर देगा । २) आवेदन कब मंजूर किया जाएगा - जहां न्यायालय की राय है कि… more »
आदेश ४७ नियम ३ : पुनर्विलोकन के आवेदनों का प्ररुप :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४७ : नियम ३ : पुनर्विलोकन के आवेदनों का प्ररुप : ेवे उपबन्ध जो अपील करने के प्ररुप के बारे में है, पुनर्विलोकन के आवेदनों को यथावश्यक परिवर्तन सहित लागू होंगे । INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री… more »
आदेश ४७ नियम २ : पुनर्विलोकन के लिए आवेदन किसको किए..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४७ : नियम २ : पुनर्विलोकन के लिए आवेदन किसको किए जाएंगे : सिविल प्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम १९५६ (१९५६ का ६६) की धारा १४ द्वारा निरसित । INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री या जानकारी केवल… more »
आदेश ४७ नियम १ : निर्णय के पुनर्विलोकन के लिए आवेदन :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४७ : पुनर्विलोकन : नियम १ : निर्णय के पुनर्विलोकन के लिए आवेदन : १) जो कोई व्यक्ति - क) किसी ऐसी डिक्री या आदेश से जिसकी अपील अनुज्ञात है किन्तु जिसकी कोई अपील नहीं की गई है, ख) किसी ऐसी डिक्री या आदेश से जिसकी अपील… more »
आदेश ४६ नियम ७ : लघुवादों में अधिकारिता सम्बन्धी भूल के..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४६ : नियम ७ : लघुवादों में अधिकारिता सम्बन्धी भूल के अधीन की गई कार्यवाहियों को पुनरीक्षण के लिए निवेदित करने की जिला न्यायालय की शक्ति : १) जहां जिला न्यायालय को यह प्रतीत होता है कि उसका अधीनस्थ न्यायालय यह गलत धारणा… more »
आदेश ४६ नियम ६ : लघुवादों में अधिकारिता सम्बन्धी..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४६ : नियम ६ : लघुवादों में अधिकारिता सम्बन्धी प्रश्नों को उच्च न्यायालय को निर्देशित करने की शक्ति : १) जहां निर्णय के पूर्व किसी भी समय वह न्यायालय जिसमें वाद संस्थित किया गया है यह शंका करता है कि क्या वह वाद लघुवाद… more »
आदेश ४६ नियम ५ : निर्देश करने वाले न्यायालय की डिक्री को..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४६ : नियम ५ : निर्देश करने वाले न्यायालय की डिक्री को परिवर्तित करने आदि की शक्ति : जहां उच्च न्यायालय को किसी मामले का निर्देश नियम १ के अधीन १.(या धारा ११३ के परन्तुक के अधीन) किया जाता है वहां उच्च न्यायालय मामले को… more »
आदेश ४६ नियम ४-क : धारा ११३ के परन्तुक के अधीन उच्च..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४६ : नियम ४-क : १.(धारा ११३ के परन्तुक के अधीन उच्च न्यायालय को निर्देश : न्यायालय द्वारा धारा ११३ के परन्तुक के अधीन किए गए किसी भी निर्देश को नियम २, नियम ३ और नियम ४ के उपबन्ध वैसे ही लागू होंगे जैसे वे नियम १ के अधीन… more »
आदेश ४६ नियम ४ : उच्च न्यायालय को किए गए निर्देश के..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ आदेश ४६ : नियम ४ : उच्च न्यायालय को किए गए निर्देश के खर्चे : उच्च न्यायालय के विनिश्चय के लिए किए गए निर्देश के परिणामस्वरुप खर्चे (यदि कोई हों) मामले के खर्चें होंगे । INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर… more »