Category: "सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८"
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १० : दूसरे न्यायालय के समन को..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक १० : दूसरे न्यायालय के समन को लौटाने को प्ररुप (आदेश ५ का नियम २३) : (शीर्षक) -------------- न्यायालय की उन कार्यवाहियों को पढिए जिनके द्वारा उस न्यायालय के ----------- संख्यांक वाले वाद… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ९ : लोक सेवक या सैनिक पर..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ९ : लोक सेवक या सैनिक पर तामील किए जाने के लिए समन के पारेषण का आदेश (आदेश ५ के नियम २७ और २८) : प्रेषिती- ------------------ सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ के आदेश ५ के नियम २७ (या… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ८ : कैदी पर तामील किए जाने के..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ८ : कैदी पर तामील किए जाने के लिए समन के पारेषण का आदेश (आदेश ५ का नियम २५) (शीर्षक) प्रेषिती- -------------- की जेल का अधीक्षक । सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ के आदेश ५ के नियम २४ के… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ७ : अन्य न्यायालय की अधिकारिता..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ७ : अन्य न्यायालय की अधिकारिता में तामील किए जाने के लिए समन के पारेषण का आदेश (आदेश ५ का नियम २१) : (शीर्षक) यह कथन किया गया है कि -------------- जो कि उक्त वाद में प्रतिवादी / साक्षी… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ६ : मृतक प्रतिवादी के विधिक..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ६ : मृतक प्रतिवादी के विधिक प्रतिनिधि को समन (आदेश २२ का नियम ४) : प्रेषिती- ------------------ -------------- वादी ने इस न्यायालय में ता. ------------ को ----------- प्रतिवादी के… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ५ : उस व्यक्ति को सूचना जिसके..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ५ : उस व्यक्ति को सूचना जिसके बारे में न्यायालय समझता है कि उसे सहवादी के रुप में जोडा जाना चाहिए (आदेश १ का नियम १०) (शीर्षक) प्रेषिती- --------------- (नाम, वर्णन और निवास-स्थान)… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ४-क : संक्षिप्त वाद में निर्णय..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ४-क : १.(संक्षिप्त वाद में निर्णय के लिए समन ) (आदेश ३७ का नियम ३) : ------------- में ------------- के न्यायालय में १९ -------- का वाद संख्यांक -------- भ म य वादी बनाम क ख ग प्रतिवादी… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ४ : (संक्षिप्त वाद में समन)..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ४ : १.(संक्षिप्त वाद में समन)(आदेश ३७ का नियम २) : (शीर्षक) प्रेषिती- ------------------ (नाम, वर्णन और निवास-स्थान) --------------- ने सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ के आदेश ३७ के अधीन… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ३ : स्वयं उपसंजात होने के लिए..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक ३ : स्वयं उपसंजात होने के लिए समन (आदेश ५ का नियम ३) : (शीर्षक) प्रेषिती- ----------------- (नाम, वर्णन और निवास-स्थान) ---------------- ने आपके विरुद्ध ------------ के लिए वाद संस्थित… more »
आदेशिका : प्ररुप संख्यांक २ : विवाद्यकों के स्थिरीकरण के..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट ख : आदेशिका : प्ररुप संख्यांक २ : विवाद्यकों के स्थिरीकरण के लिए समन (आदेश ५ के नियम १ और ५) : (शीर्षक) प्रेषिती - -------------------- (नाम, वर्णन और निवास-स्थान) ----------- ने आपके विरुद्ध ------------- के लिए वाद… more »