Category: "सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८"
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ७ : माल के विरोध के वादों..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ७ : माल के विरोध के वादों में प्रतिरक्षा : १. माल वादी की सम्पत्ति नहीं थी । २. माल उस धारणाधिकार से निरुद्ध किया गया था जिसका प्रतिवादी हकदार था । विशिष्टियां निम्नलिखित है - ३ मई १९०७… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ६ : दोषों के लिए सभी वादों..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ६ : दोषों के लिए सभी वादों में प्रतिरक्षा : १. विभिन्न कार्यो (या बातों) का जिनके सम्बन्ध में परिवाद किया गया है, प्रत्याख्यान । INSTALL Android APP * नोट (सूचना) : इस वेबसाइट पर सामग्री… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ५ : उपेक्षापूर्वक गाडी चलाने..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ५ : उपेक्षापूर्वक गाडी चलाने से हुई क्षतियों के लिए वादों में प्रतिरक्षा : १. प्रतिवादी इस बात से इन्कार करता है कि वादपत्र में वर्णित गाडी प्रतिवादी की गाडी थी और वह प्रतिवादी के सेवकों… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ४ : ऋृण के किसी भी वाद..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ४ : ऋृण के किसी भी वाद में प्रतिरक्षा : १. दावा किए गए धन के २०० रुपए की बाबत प्रतिवादी उस माल के लिए जो उसने वादी को बेचा और परिदत्त किया है, मुजराई का हकदार है - विशिष्टियां निम्नलिखित… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक ३ : प्रत्याभूतियों पर वादों..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक ३ : प्रत्याभूतियों पर वादों में प्रतिरक्षा : १. मूल ऋृणी ने दावे की तुष्टि वाद के पूर्व संदाय करके कर दी थी । २. वादी ने मूल ऋृणी को एक आबद्धकर करार के अनुसरण में समय दिया था और उससे… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक २ : बन्धपत्रों पर वादों ..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक २ : बन्धपत्रों पर वादों मे प्रतिरक्षा : १. बन्धपत्र प्रतिवादी का बन्धपत्र नहीं है । २. प्रतिवादी ने बन्धपत्र की शर्तों के अनुसार नियत दिन पर वादी को संदाय कर दिया था । ३. प्रतिवादी ने… more »
लिखित कथन : प्ररुप संख्यांक १ : विक्रय किए गए और परिदत्त..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : लिखित कथन प्ररुप संख्यांक १ : विक्रय किए गए और परिदत्त माल के लिए वादों में प्रतिरक्षा : १. प्रतिवादी ने माल के लिए आदेश नहीं किया था । २. माल का परिदान प्रतिवादी को नहीं किया गया था । ३. कीमत --------- रुपए नहीं… more »
४) लिखित कथन साधारण प्रतिरक्षाएं :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : ४) लिखित कथन : साधारण प्रतिरक्षाएं : इन्कार : प्रतिवादी इस बात से इन्कार करता है कि (तथ्य लिखिए) । प्रतिवादी यह स्वीकार नहीं करता है कि (तथ्य लिखिए) । प्रतिवादी स्वीकार करता है कि ----------- किन्तु उसका कहना है… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ४९ : भागीदारी :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ४९ : भागीदारी : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. वह और प्रतिवादी ग घ पिछले ----------- वर्ष (या मास) से भागीदारी के लिखित अनुच्छेदों के अधीन (या विलेख के अधीन या मौखिक करार… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ४८ : विनिर्दिष्ट ..(संख्यांक २) ..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ४८ : विनिर्दिष्ट पालन (संख्यांक २) (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. तारीख ------------- को वादी और प्रतिवादी ने लिखित करार किया, जिसकी मूल दस्तावेज इसके साथ उपाबद्ध है ।… more »