Tag: "१९५५ का अधिनियम संख्यांक २२"
धारा ११ : पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि पर वर्धित शास्ति :
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ११ : पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि पर वर्धित शास्ति : जो कोई इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का या ऐसे अपराध के दुष्प्रेरण का पहले दोषसिद्ध हो चुकने पर किसी ऐसे अपराध या दुष्प्रेरण का पुन: दोषसिद्ध होगा, १.(वह दोषसिद्धि पर… more »
धारा १०क : १.(सामूहिक जुर्माना अधिरोपित करने की राज्य..
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १०क : १.(सामूहिक जुर्माना अधिरोपित करने की राज्य सरकार की शक्ति : (१) यदि विहित रीति में जांच करने के पश्चात, राज्य सरकार का यह समाधान हो जाता है कि किसी क्षेत्र के निवासी इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय किसी अपराध के… more »
धारा १० : अपराध का दुष्प्रेरण :
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १० : अपराध का दुष्प्रेरण : जो कोई इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का दुष्प्रेरण करेगा, वह उस अपराध के लिए उपबन्धित दण्ड से दण्डनीय होगा। १.(स्पष्टीकरण : लोक सेवक के बारे में, जो इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय किसी अपराध… more »
धारा ९ : सरकार द्वारा किए गए अनुदानों का पुनर्ग्रहण..
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ९ : सरकार द्वारा किए गए अनुदानों का पुनर्ग्रहण या निलम्बन : जहां कि किसी ऐसे लोक पूजा-स्थान १.(या किसी शिक्षा संस्थान या छात्रावास) का प्रबन्धक या न्याय जिसे सरकार से भूमि या धन का अनुदान प्राप्त हो, इस अधिनियम के… more »
धारा ८ : कुछ दशाओं में अनुज्ञप्तियों का रद्द या निलम्बित..
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ८ : कुछ दशाओं में अनुज्ञप्तियों का रद्द या निलम्बित किया जाना : जबकि वह व्यक्ति, जो धारा ६ के अधीन किसी अपराध का दोषसिद्ध हो, किसी ऐसी वृत्ति, व्यापार, आजीविका या नियोजन के बारे में जिसके सम्बन्ध में अपराध किया गया… more »
धारा ७क : १.(विधिविरुद्ध अनिवार्य श्रम कब अस्पृश्यता का..
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ७क : १.(विधिविरुद्ध अनिवार्य श्रम कब अस्पृश्यता का आचरण समझा जाएगा : (१) जो कोई किसी व्यक्ति को सफाई करने या बुहारने या कोई पशु शव हटाने या किसी पशु की खाल खींचने या नाल काटने या इसी प्रकार का कोई अन्य काम करने के… more »
धारा ७ : अस्पृश्यता उद्भूत अन्य अपराधों के लिए दण्ड :
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ७ : अस्पृश्यता उद्भूत अन्य अपराधों के लिए दण्ड : (१) जो कोई - (क) किसी व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद १७ के अधीन अस्पृश्यता के अन्त होने से उसको प्रोद्भूत होने वाले किसी अधिकार का प्रयोग करने से निवारित करेगा, अथवा… more »
धारा ६ : माल बेचने या सेवा करने से इन्कार के लिए दण्ड :
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ६ : माल बेचने या सेवा करने से इन्कार के लिए दण्ड : जो कोई उसी समय और स्थान पर और वैसे ही निबन्धनों और शर्तों पर, जिन पर कारबार के साधारण अनुक्रम में अन्य व्यक्तियों को ऐसा माल बेचा जाता है या उनकी सेवा की जाती है… more »
धारा ५ : अस्पतालों, आदि में व्यक्तियों को प्रवेश करने..
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ५ : अस्पतालों, आदि में व्यक्तियों को प्रवेश करने देने से इन्कार करने के लिए दण्ड : जो कोई अस्पृश्यता के आधार पर- (क) किसी व्यक्ति को किसी अस्पताल, शिक्षा-संस्था, या १.(***) किसी छात्रवास में, यदि वह अस्पताल,… more »
धारा ४ : सामाजिक निर्योग्यताएं लागू करने के लिए दण्ड :
सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ४ : सामाजिक निर्योग्यताएं लागू करने के लिए दण्ड : जो कोई किसी व्यक्ति के विरुद्ध निम्नलिखित के सम्बन्ध में कोई निर्योग्यता अस्पृश्यता के आधार पर लागू करेगा वह कम से कम एक मास और अधिक से अधिक छह मास की अवधि के… more »