Categories: "Indian Laws in Hindi"
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १९५६ धारा २ : अधिनियम..
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १९५६ धारा २ : अधिनियम का लागू होना : (१) यह अधिनियम लागू है - (क) ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो हिन्दू धर्म के किसी भी रूप या विकास के अनुसार, जिसके अन्तर्गत वीरशैव, लिंगायत अथवा ब्रह्म समाज, प्रार्थना समाज या आर्य समाज के अनुयायी… more »
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १९५६ धारा १ : संक्षिप्त नाम ..
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १९५६ १.(१९५६ का अधिनियम संख्यांक ३०) (१७ जून, १९५६) हिन्दुओं में निर्वसीयती उत्तराधिकार संबंधी विधि को संशोधित और संहिताबद्ध करने के लिए अधिनियम भारत गणराज्य के सातवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो… more »
लोक संपत्ति नुकसान निवारण ..धारा ७ : निरसन और व्यावृत्ति :
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४ धारा ७ : निरसन और व्यावृत्ति : १) लोक संपत्ति नुकसान निवारण अध्यादेश १९८४ ( १९८४ का ३) इसके द्वारा निरसित किया जाता है। २) ऐसे निरसन के होते हुए भी यह है कि उक्त अध्यादेश के अधीन की गई कोई बात या कार्रवाई, इस… more »
लोक संपत्ति नुकसान ..अधिनियम १९८४ धारा ६ : व्यावृत्ति :
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४ धारा ६ : व्यावृत्ति : इस अधिनियम के उपबन्ध तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के उपबन्धों के अतिरिक्त होंगे, न कि उनके अल्पीकरण में, और इस अधिनियम की कोई बात किसी व्यक्ति को ऐसी किसी कार्यवाही से (चाहे वह अन्वेषण के… more »
धारा ५ : जमानत के बारे में विशेष उपबन्ध :
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४ धारा ५ : जमानत के बारे में विशेष उपबन्ध : कोई व्यक्ति जो धारा ३ या धारा ४ के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का अभियुक्त है या उसके लिए सिद्धदोष ठहराया गया है, यदि अभिरक्षा में है तो, जमानत पर या उसके स्वयं के बन्धपत्र पर… more »
धारा ४ : अग्नि या विस्फोटक.. नुकसान कारित करने वाली रिष्टि :
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४ धारा ४ : अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा लोक संपत्ति को नुकसान कारित करने वाली रिष्टि : जो कोई धारा ३ की उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन कोई अपराध, अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा करेगा, वह कठोर कारावास से, जिसकी… more »
धारा ३ : लोक संपत्ति को नुकसान कारित करने वाली रिष्टि :
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४ धारा ३ : लोक संपत्ति को नुकसान कारित करने वाली रिष्टि : १) जो कोई उपधारा (२) में निर्दिष्ट प्रकार की लोक संपत्ति से भिन्न किसी लोक संपत्ति की बाबत कोई कार्य करके रिष्टि करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक… more »
लोक संपत्ति नुकसान अधिनियम १९८४ धारा २ : परिभाषाएं :
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४ धारा २ : परिभाषाएं : इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,- क) रिष्टि का वही अर्थ होगा जो भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) की धारा ४२५ में है; ख) लोक संपत्ति से अभिप्रेत है ऐसी कोई संपत्ति, चाहे वह… more »
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४ धारा १ :
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम १९८४ (१९८४ का अधिनियम संख्यांक ३) लोक संपत्ति के नुकसान के निवारण का और उससे सम्बन्धित विषयों का उपबन्ध करने के लिए अधिनियम भारत गणराज्य के पैंतीसवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :- धारा १ :… more »
धारा ३क : १.(दूसरी और पश्चातवर्ती दोषसिद्धियों पर वर्धित शास्ति :
राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम १९७१ धारा ३क : १.(दूसरी और पश्चातवर्ती दोषसिद्धियों पर वर्धित शास्ति : जो कोई धारा २ या धारा ३ के अधीन किसी अपराध के लिए पहले से ही दोषसिद्ध किए जाने के पश्चात् ऐसे किसी अपराध के लिए पुन: दोषसिद्ध किया जाता है, तो वह… more »