Category: "सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८"
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३७ : लोक न्यूसेन्स :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३७ : लोक न्यूसेन्स : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. प्रतिवादी ने ---------- की लोक सडक पर, जो -------- गली के नाम से ज्ञात है, मिट्टी और पत्थर का ढेर दोषपूर्वक ऐसे लगा दिया… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३६ : न्यूसेंस रोकने के लिए..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३६ : न्यूसेंस रोकने के लिए व्यादेश : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. वादी (कलकत्ता की ------------ स्ट्रीट के ----------- संख्यांक वाले गृह) का आत्यन्तिक स्वामी है और इसमें… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३५ : दुव्र्यय रोकने के लिए..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३५ : दुव्र्यय रोकने के लिए व्यादेश : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. वादी (सम्पत्ति का वर्णन कीजिए) का आत्यन्तिक स्वामी है । २. प्रतिवादी का उस पर कब्जा वादी से लिए गए पट्टे… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३४ : संविदा का भूल के आधार पर..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३४ : संविदा का भूल के आधार पर विखण्डन : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. ता. ---------- को प्रतिवादी ने वादी से व्यपदिष्ट किया कि अमुक भू-खण्ड, जो प्रतिवादी का है और -------… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३३ : कपटी विक्रेता और उसकी..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३३ : कपटी विक्रेता और उसकी सूचना सहित अन्तरिती के विरुद्ध : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. ता. ------------ को प्रतिवादी ग घ ने वादी को उसे कुछ माल बेचने के लिए उत्प्रेरित… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३२ : जंगम माल का सदोष निरोध :
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३२ : जंगम माल का सदोष निरोध : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. ता. ------------ को वादी इसके साथ उपाबद्ध अनुसूची में वर्णित माल का (या माल का वर्णन कीजिए), जिसका प्राक्कलित… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३१ : विद्वेषपूर्ण अभियोजन के..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३१ : विद्वेषपूर्ण अभियोजन के लिए : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. ता. ---------------- को प्रतिवादी ने -------------- से (जो उक्त नगर का मजिस्ट्रेट है या जो स्थिति हो वह… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३० : उपेक्षापूर्वक गाडी चलाने..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक ३० : उपेक्षापूर्वक गाडी चलाने से हुई क्षतियां : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. वादी जूता बनाने वाला है और अपना कारबार ----------------- में करता है । प्रतिवादी… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक २९ : रेल-पथ पर उपेक्षा से..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक २९ : रेल-पथ पर उपेक्षा से हुई क्षतियां : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. ता. ----------- को प्रतिवादी ---------------- और --------------- के बीच रेल द्वारा यात्रियों को ले… more »
अभिवचन : प्ररुप संख्यांक २८ : जल का सिंचाई के लिए उपयोग..
सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ परिशिष्ट क : अभिवचन : प्ररुप संख्यांक २८ : जल का सिंचाई के लिए उपयोग करने के अधिकार में बाधा डालना : (शीर्षक) उक्त वादी क ख यह कथन करता है कि - १. वादी का कब्जा -------------- इत्यादि में स्थित कुछ भूमियों पर है और इसमें आगे… more »